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कॉफी में स्वाद ही नहीं, फिल्म : काफी विथ डी (स्टार २)

, कॉफी विथ करण के साथ कइयो ने कॉफी पी और सब जानते ही हैं, कॉफी विथ डी , यानि डी जी सही अनुमान लगा रहे हैं  आप, लेकिन इस कॉफी में कई कमी नज़र आई, कही दूध की तो कही शक्कर की तो कही ब्लैक कॉफी वह भी बिना शक्कर, पहेलिया नहीं बुजाते हैं, सिद्धे मुद्दे पर आते हैं, विशाल मिश्रा की फिल्म कॉफी विथ डी  हाल ही में रिलीज़ हुई, करते हैं इस फिल्म की समीक्षा 
 फिल्म : कॉफी विथ डी
 निर्देशक  : विशाल मिश्रा 
 निर्माता  : विनोद रमानी 
 कास्ट    :  सुनील ग्रोवर, अंजना सुखानी, दीपानिता शर्मा , ज़ाकिर हुसैन 
 स्टार     :  २ 
 
बात करते हैं कहानी अर्नब ( सुनील ग्रोवर ) न्यूज़ चैनल के प्रवक्ता उनके कारण इस चैनल ने काफी ख्याति प्राप्त की पर अर्नब के  शो  की टी आर पी धीरे धीरे कम हो रही थी  कारण चैनल अर्नब को कुकरी शो करने को कहते हैं, इस वजह से अर्नब चाहता  चैनल के लिए कुछ ऐसा करके दिखा लू की उनकी नौकरी भी बच जाये और चैनल की साख भी, अर्नब की पत्नी पारूल  ( अंजना सुखानी ) पेशे से क्राइम रिपोर्टर थी, पर गर्भवती होने के कारण  घर पर ही हैं , पारुल ही अर्नब को कहती हैं की क्यों न अर्नब डी  पर्सनल इंटरव्यू आए बस फिर क्या अर्नब जुगाड़ लगाते हैं डी के इंटरव्यू  लिए, और आखिर अर्नब पहुच जाते डी के पास उनका इंटरव्यू लेते हैं, डी   इंटरव्यू  अर्नब की कसौटी पर खरे उतरते हैं ,  अर्नब अपने चैनल और नौकरी बचाने  कामयाब होते हैं , इसके लिए आपको फिल्म कॉफी विथ डी   होंगी। 
 बात करते हैं अभिनय सुनील ग्रोवर अच्छे अभिनेता हैं पर उनके कंधे पर फिल्म  बोझ डालना सही  नहीं लगा  हा गुथी बन लुभाया, गुलाटी बन    लोटपोट किया पर अर्नब बन निराश, अंजना सुखानी  दीपानिता शर्मा  जगह कोई और  भी होता  कुछ फर्क नहीं पड़ता, डी  के रोल में ज़ाकिर हुसैन  कमाल  अभिनय किया हैं । 
बात करते  है निर्देशन की विशाल मिश्रा फिल्म समीक्षक रह चुके हैं, फिर   भी निर्देशन में विशाल नज़र नहीं आए , कई सीन तो ऐसे थे जिसकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी इंटरवल के पहले तो जैसा लग रहा हो  फिल्म को सिर्फ और सिर्फ खिंचा जा रहा हैं, लगा सेकंड हाफ में फिल्म गृप करेंगी पर नहीं, सेट भी सिर्फ २ से ३ ही नज़र आए , विशाल जी को पहले खुद समीक्षा कर फिल्म रिलीज़ करनी थी.  फिल्म में नयापन  था पर कमजोर स्क्रीनप्ले और कमजोर निर्देशन से कॉफी का मजा किरकिरा कर दिया । 
संगीत की बात करे तो फिल्म का संगीत ठीक थक हैं, कोई ऐसा सांग नहीं हैं  जिसे लगे की वह याद रहे । 
 मेरी माने तो इस हफ्ते सिनेमा गृह का रूख न ही करे तो अच्छा है, अगले हफ्ते रईस और काबिल दोनों फिल्मो का इंतज़ार करे । 
इस कॉफी से दूर ही रहे । 
 
पुष्कर ओझा